श्री गोकुल गौशाला संस्था ट्रस्ट

सभी वैष्णवजनों के लिए गौ-सेवा एवं गौ-रक्षा उनके जीवन का परम कर्तव्य है। घायल ,बीमार व चोटग्रस्त अवस्था से तड़पती हुई इन लावारिस एवं घरेलु पशुओं को जिन्हे मालिकों द्वारा उपयोग कर एक कचरे के भांति सड़कों पर लावारिस व घायल छोड़ दिया एवं जिन्हे लोगो ने मानव सेवा से भी नदारद कर दिया ऐसी अवस्था में श्री गोकुल गौशाला संस्था ट्रस्ट ,उदयपुर द्वारा राजस्थान प्रदेश की सर्वप्रथम नि :शुल्क गौ सेवा एम्बुलेंस का शुभारम्भ कर इन मूक प्राणियों को नि:शुल्क चिकित्सा सेवा प्रदान कर इन्हे एक नया जीवन प्रदान किया। संस्था द्वारा किये गए सेवा कार्यो जिनमे बीमार ,घायल ,बूचड़खाने ले जाई जा रही गायों एवं तड़पती गायों के इलाज की छायाप्रति आप दानदाताओं के समक्ष है।

इसलिए आप सभी मान्यवर से अपील है की आपके उदयपुर शहर में सबसे बड़ी गौशाला का निर्माण कार्य किया जा रहा है ताकि उदयपुर की सभी लावारिस ,बीमार ,घायल गायों को वहां शरण देकर इन्हे सुखी जीवन प्रदान किया जा सके । इसलिए आप सभी से आग्रह है की तन-मन -धन से सहयोग करे। पृष्ठे ब्रम्हा गले विष्णु ,मुखे रूद्र प्रतिष्ठित...


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गौ-सेवा

गाय सृष्टि का सर्वोत्तम प्राणी हैं यह बात शास्त्र कहते है तथा गाय की महत्ता,उपादेयता,आवश्यकता आध्यात्मिक,धार्मिक तथा वैज्ञानिक दृष्टि कोण से सर्वविदित है। इस बारे में खूब लिखा और कहा गया है तथा यह जानकारी सब को हैं। यहाँ केवल मैं व्यवहारिक रुप में जो हम प्रतिदिन गाय की सेवा करते हैं उस सम्बन्ध में कुछ आवश्यक बातें लिखने का प्रयास कर रहा हूँ जिससे गोवंश सुखपूर्वक रह सके और हमे भी ज्यादा से ज्यादा लाभ हो। बछड़े के जन्म से ही शुरु कर देते हैं!

(1) बछड़ा जब जन्म ले उस समय से उसकी पूरी देखभाल करें। गाय व्याहने के बाद जैसे ही बछड़ा खड़ा होने की कोशिश करे उस समय उसे पकड़ कर तुरन्त गाय के थन से लगावे और दूध पिलाये और दूध पिलाने से पूर्व गोमाता के चारो थनो में से थोड़ा-थोड़ा गूँता निकाल देवें बाद में बछड़े को थन मुँह में देवे। यदि जन्म के काफी समय के बाद भी बछड़ा खड़ा न होवे तो उसे हाथो से पकड़ कर थन मुँह में देना चाहिए और दूध पिलाना चाहिए।


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गौ-एम्बुलेंस

किसी भी स्थान पर कोई भी बेसहारा गोवंश दुर्घटनाग्रस्त हो गया हो या कमजोर एवं बीमार बूढ़े गोवंश उठने में असमर्थ हो तो उक्त स्थानों के गोभक्त गौ चिकित्सालय के एम्बुलेंस नंबर 09462190700 पर सुचना देते है की उक्त स्थान पर गौवंश दुर्घ्त्नाग्र्स्त हो गया है या किसी भी बीमारी से ग्रस्त हैं फ़ौरन सुचना मिलते ही गौ चिकित्सालय के एम्बुलेंस तुरंत उस स्थान पर पहुच कर दुर्घटनाग्रस्त पीड़ा ग्रस्त बीमार गौ वंश को सुरक्षित लाकर उपचार ऑपरेशन कर के बीमार गौवंश को एक नया जीवनदान देने को प्रत्यंनशील रहती हैं ।

गोकुलधाम गौ सेवा समिति के 8 एम्बुलेंसों के माध्यम से प्रतिदिन 30-35 दुर्घटनाग्रस्त पीड़ा ग्रस्त बीमार गौवंशो को लाकर उपचार व सेवा का कार्य किया जाता हैं आपातकालीन स्थिति में गौ चिकित्सालय की गौ एम्बुलेंस उपस्थित नहीं रहती है तो किराये का वहान उक्त स्थान पर भेज कर पीड़ा से कराह रहे गौवंश को लाकर उपचार किया जाता हैं!


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आपके इस दान से गायों को संरक्षण, आहार और उपचार प्रदान किया जाता है। यह स्थान गौमाताओं की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्त्वपूर्णता को संभालने का महत्वपूर्ण केंद्र होता है। इसे चलाने के लिए दान आवश्यक होता है ताकि उनकी देखभाल और उनके लिए सामग्री उपलब्ध हो सके।

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